बुधवार, 4 जून 2008
छत्तीसगढ़ कांग्रेस की एका :भाजपा की बैचेनी
अब देखना यह है कि कांग्रेस की भी यह एकता सिर्फ़ दिखावा है या चुनाव के समय तक यह एकता कायम रहती है,क्योकि अनेको गुटों मे फंसे पार्टी के लोग दल के पहले अपने नेता को प्राथमिकता देते है। निचले स्तर पर कार्यकर्ताओ को भी सक्रीय करने की आवश्यकता होगी वरना यह एकता कही शो बाजी ही न रह जाए। छत्तीसगढ़ मे दरअसल सभी दलों मे शहरी नेताओ को प्राथमिकता दी जा रही ओर ग्रामीण कार्यकर्ताओ की उपेक्षा । यह यहाँ की बहुत बड़ी विडम्बना है । कर्मठ कार्यकर्ता इस परिपाटी से बहुत परेशां भी है । भाजपा मे रमन संघ के नेतृत्व मे चुनाव लड़ा जाना लगभग तय ही है जिसका फायदा भी उन्हें होगा जबकि कांग्रेस मे किसके नेतृत्व मे चुनाव लड़ा जायेगा यही तय नही है,सामुहिक नेतृत्व की परिकल्पना सार्थक होती है या नही यह समय ही बताएगा ।
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