शुक्रवार, 20 मई 2011

युवक कांग्रेस की दयनीय स्थिति

युवक कांग्रेस की  दयनीय स्थिति वर्तमान में छत्तीसगढ़ युवक कांग्रेस भुगत रहा है; 
पूर्व में युवक कांग्रेस का कार्यक्रम सुनियोजित होता था .जिस समय यूथ कांग्रेस की महासचिव डॉ चयनिका उन्याल हुआ करती थी उस समय राश्ट्रीय यूथ कांग्रेस से लगातार   कार्यक्रम  प्रदेश में चलाया जाता था पर आज स्थिति शुन्य है यूथ पूरा कोमा में चला गया है जो की कांग्रेस के लिए नुकसानदायक है आने वाले समय में कांग्रेस को गंभीरतापूर्वक सोचना पड़ेगा अगर कांग्रेस को २०१३ की तैयारी करना है तो यूथ कांग्रेस को फिर से तैयार करना होगा हर बूथ पर कांग्रेस को तैयारी करना होगा 
   प्रदेश   में रोज आन्दोलन होना चाहिए राज्य सरकार के भ्रष्टाचार कोजनता के सामने लाना पड़ेगा साथ ही केंद्रीय योजनाओ को आम जनता तक पहुचाना पड़ेगा .महात्मागांधी राष्ट्रिय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को सामने रख कर प्रतेक पंचायत  तक पहुचना होगा         
केंद्रीय  सरकार के महत्वपूर्ण योजना 
महात्मागांधी राष्ट्रिय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना
सर्व शिक्छाअभियान 
इंदिरा आवास   योजना   
विधवा पेंसन योजना 
राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना 
प्रधानमंत्री सडक योजना 
रास्ट्रीय स्वाथ्य बीमा योजना   
रास्ट्रीय बागवानी मिशन 
रास्ट्रीय ग्रामीण स्वछ पेयजल योजना 
रास्ट्रीय खाद सुरक्षा योजना  
मध्यान  भोजन योजना 
पूरक पोषण आहार योजना 
राजीव गाँधी जल ग्रहण मिशन योजना 
रास्ट्रीय वृधावस्था  पेंशन योजना 
सुखदसहारा  योजना 
राजीवगांधी स्वास्थ्य योजना 
और भी भारत सरकार की योजना के साथ राहुल गाँधी और श्रीमती सोनियागांधी के जन कल्याणकारी सोच को जन जन तक पहुचानेके लिए समस्त कांग्रेस परिवार को पहल करना होगा  .

गुरुवार, 2 सितंबर 2010

२ अगस्त २०१०


आज की बात लिख रहा हु ................................

शनिवार, 30 जनवरी 2010

जिला पंचायत चुनाव जिला दुर्ग

जिला पंचायत चुनाव मे जिला दुर्ग से जिला शहर युवा कांग्रेस अद्यक्ष देवलाल ठाकुर ने जीत दर्ज की है,देवलाल ठाकुर सहित भुनेश्वरी ठाकुर अनिला भेंडिया चन्द्रिका देशमुख ने भी जीत दर्ज की है उक्त चुनाव मे इस बार युवाओ की जीत ने जिला पंचायत की तस्वीर बहुत बदल दी है,जुझारू नेताओ के मैदान मे आने से जिले के विकास की गति तेज होने एवं जिला दुर्ग को छत्तीसगढ़ राज्य मे जिला पंचायत को अलग स्थान पहचान मिलने की उम्मीद है.

शुक्रवार, 29 जनवरी 2010

जिला पंचायत चुनाव मे देवरी बीजभांथा क्षेत्र से देवलाल ठाकुर युवा कांग्रेस के अध्यक्ष ने विजयश्री प्राप्त किया है...santosh durg se

जिला पंचायत चुनाव मे देवरी बीजभांथा क्षेत्र से देवलाल ठाकुर युवा कांग्रेस के अध्यक्ष ने विजयश्री प्राप्त किया है. माटी से जुड़े हु‌ए किसानो युवा‌ओ बच्चो के क्षेत्र मे सर्वागींन विकास के लि‌ए मतदाता‌ओ ने युवा नेत्रत्व को स्वीकार कर क्षेत्रीय विकास को प्राथमिकता दी है, जिला पंचायत का यह क्षेत्र राजनीतिक सामाजिक दृष्टी से अति महत्वपूर्ण क्षेत्रो मे आता है,क्षेत्र क्रमांक २४ मे देवरी रानीतरा‌ई भरदा गबदी मुद्खुसरा जेव्र्ताला सिब्दी खेरथा भ्न्देरा सुरेग‌ओं जैसे ६५ महत्वपूर्ण जागरूक गाँव आते है,लोगो मे चुनावी नतीजे से उत्साह का माहौल है,

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मंगलवार, 14 जुलाई 2009

युवा कांग्रेस का बंद सफल - sहहर युवा कांग्रेस दुर्ग के द्वारा दुर्ग बंद को व्यापक जनसमर्थन मिला, प्रदेश मे चरमराती कानून व्यवस्था को सुधरने मे असफल सरकार के विरोध के लिए आयोजित बंद को व्यापक सफलता ने प्रदेश सरकार की लचर व्यवस्था के प्रति जनसमुदाय मे व्याप्त आक्रोश के रूप मे देखा जा रहा है, जहा पहले कुछ ही जिलो मे नक्स्लैत समस्या थी वह बढ़कर अब गिने चुने जिलो को छोड़कर प्रदेश के हर छोर तक पहुच गई है,फिर भी प्रदेश की सरकार के चेहरे मे शिकन नही आ रही है

मंगलवार, 16 दिसंबर 2008

हमर गाव


शहर मा तुम पढ़थो रहिथो,

भुला जथो गांव गवंइ ला।

बेरा बखत मा आवत रहव,

सूरता करहू तीजा नवर्इ्र ला।।

तिहार बार के बनथे इहां,

आनी बानी के कुत्तुर कलेवा।

सूजी हलवा मड़िया के पकवा,

बरा सोहांरी पपची कलेवा।।

खूरमी ठेठरी सुवाद हे आला,

अइरसा भजिया लार टपकाय।

चीला अंगाकर गरमेगरम,

चटनी संग गजब सुहाय।।

बिहनिया खाथन बासी चटनी,

रहय प्रोटिन के अजब भंडार।

बासी खवइया रहिथे कड़मस,

नी देखे वो हा रक्सहूं भंडार।।

जीर्रा चटनी अउ पटवा भाजी,

लइका सियान सबो ललचाय।

जरी चेंच खोटनी चरोंटा,

बासी भात उपराहा खवाय।।

जिमी कांदा सब्जी के राजा,

मन भर खाव सेहत बनाय।

मड़िया पेज के गुण हे आला,

झांज झोला बदन बचाय।।

कोचई पाना बेसन मांगय,

दही मसाला सबो सुहाय।

उल्हवा उल्हवा बोहार भाजी,

आमा अमली संगी बनाय।।

फरा गूंझिया सुंदर कलेवा,

करी लाड़ु खूबेच सुहाय।

मूर्रा लाड़ू दिखब मा जबरा,

पानी पियो भूख भगाय।।

खीरा कलिन्दर बात निराला,

मुंह मा डालो पानी ओगराय।

भूख पियास ल दूर भगावे,

झोला गरमी ला खूब चमकाय।।

कांदा भाजी संग चना के दार,

डबका बघरा सबो सुहाय।

कोलयारी भाजी खूबेच मिठाथे,

एकर गुण आयुरवेद बताय।।

कुम्हड़ा बरबट्टी के भाजी,

चना दार ल संगवारी बनाय।

सास बहू के झगरा भगावे,

दूनों के मया खूबेच बढ़ाय।।

कुवंर भाजी मूंग उरदा के,

बहुरिया सुंदर बघवा लगाय।

सास ससुर मन चरचा करय,

नोनी के जेवन खूब खवाय।।

चना लाखड़ी के बात निराला,

सोंदे सोंद मा खूबेच खवाय।

किलिर कालर लइका करय,

रंधइया मंुह ताकत रह जाय।।

बर्रे भाजी अउ फूटू रमकलिया,

मुंह के सुवाद भिनगे बढ़ाय।

तोरइ डोड़का गुत्तूर गुत्तूर,

बुढ़वा सियान ला खूब सुहाय।।

तरिया नदिया घाट घठौंदा

संगी जवंहरिया सबो मिलाय,

तउंरे डूबके अउ बतियाय,

सियान बरजय कहां बिलाय।।

खार खेत हा सोना उगले,

धान गहूं खेत मा लहराय।

रहेर चना अउ मूंग उरदा,

झुमर झुमर मन बहला।।

दिन मा सूरज रात मा चंदा,

कमइया ला रद्दा बताय।

खेत कोठार मा मिले कमइया,

मेहनत करे पसीना बोहाय।।

रात मा चांदनी चले बयार,

थकाहारा करे रथिया बिसराम।

तिहार बार के नाचय गावय,

काम बूता ला देवे विराम।।

लोक रंग मा डूबय लोगन,

गांव इन्द्र लोक बन जाय।

इन्द्र धनुषी छटा बिखेरे,

इन्द्र लोक घलो सरमाय।।

चिरई चिरगुन रूख राइ मा,

संझा बिहनिया मुरली बजाय।

गलियन मा लइका खेलय,

किलकारी सुन दुख बिसराय।।

बड़े बिहनिया कुकरा जागय,

कुकड़ंू कू सायरन बजाय।

कमइया किसान जठना छोड़े,

कुकरा बासत हो जाय।।

संझा बेरा बरदी ओइले,

दुहानू गाय हुमरत आय।

घांटी घुम्मर मन ला भावे,

बृन्दाबन जस गांव सुहाय।।

देवारी बर गउ माता के पूजा,

कलेवा खिचरी भोग लगाय।

संझा बेरा गोरधन खुंदावे,

गांव हमर गोकुल बन जाय।।

यदुवंशी भाई नाचय गावय,

कृष्ण कन्हैया परगट हो जाय।

गोप बाला राधा बन जावे,

वो सुख बरनय नी जाय।।

गांव के धरती पावन धरती,

मधुर शीतल जल बरसाय।

सुबह शाम चले मखइया,

तन मन हा अति हरसाय।।

रथिया मोतियन के बरसा,

बड़े सबेरे परगट हो जाय।

बनझार डारा पाना ला,

मोती शबनम दुनो नहलाय।।

गांव मा बसत हे माटीपूत,

सोंधी गंध महमहावत हे।

फुल फुलवारी के नाता रिसता,

चमन खिलखिलावत हे।।

भइया भउजी, अऊ कका काकी,

पावन रिसता मनावत हे।

पूरा गंाव परिवार जस लागय,

देख देख शिव मुसकावत हे।।

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27 सितम्बर 2008 बिजली बाई

गांव मा रहिथे मिटमिटही टुरी,

बिजली बाई ओकर नाम।

दूर देश ले आथे ओहा,

जानथे सब बुता काम।।

जइसे तियारबे सबो करही,

हाबे बड़ चतुरा हुसयार।

गरीब अमीर सबघा जावे,

ओला मिलथे सबके पियार।।

दिन मान धुंधरासी लागे,

रथिया आंखी चमकय।

बोली भाषा समझय नहीं,

इसारा मा खुब मटकय।।

घर दुवार खार खेत मा,

पानी भरना ओकर काम।

छेड़खानी ल सहय नहीं,

तोला कर दीही बदनाम।।

हावय चकचकही बानी के,

गिजिर गिजिर करत रहिथे।

देहें पांव हावय कड़मस,

घाम पानी सबो ल सहिथ्ेा।।

रिंगी चिंगी कपड़ा पहनय,

तन बदन हा दमकत हे।

बेनी जस लहरावय नोनी,

चाल ओकर चमकत हे।।

टीबी अस्तरी घलो चलाय,

रंधइया ल करय मदद।

थकासी ल जानय नहीं,

ओ रहिथे हरदम गदगद।।

पढ़इया मन ला बड़ बिजराथे,

मिलथे ओला गारी बखाना।

दिन अऊ रात धूकना धूकय,

असीस देवे लइका सियान।।

दिन रात खटथे बूता मा,

मरवा पिरावे न तरवा।

जब ओला ओतयासी लागे,

लोगन झांके तरिया नरवा।।

बर बिहाव मा अब्बड़ सम्हरथे,

खूबेच मिटमिटावत रहिथे।

बर बधू ला छोड़ के लोगन,

इ हिच ला देखत रहिथे।।

बिहदरा बेरा मा बिजली,

रहिथे खूब मसती मा।

झूमर झूमर गाना गवाथे,

सोर मचाथे बसती मा।।

लोगन ला खूबेच भड़काथे,

हावय चुगलहिन बानी के।

भड़कौनी मा आके लोगन,

करनी करथे आनी बानी के।।

दिन रात ये हा सेवा बजाथे,

करय मेहनत मन लगा के।

टांट भाखा सहय नहीं,

दम लिही जान नंगा के।।

मालिक के मन ला टमड़ के,

कहिथे पगार बढ़ादे मोर।

बजार हाट मा भाव बढ़गे,

खरचा मा पड़े खूबेच जोर।।

आफिस दफ्तर मा करे अंजोर,

छितका कुरिया घलो सुहाय।

खोर गली मा घलो घूमे,

कल कारखाना मा इतराय।।

मेला मड़ई मा गिंजरे फिरे,

होटल दूकान मा अंड़ियाय।

चउराहा मा टेªफिक संभाले,

चलइया ल रद्दा बताय।।

शहर देखे बर बड़ पुचपुचीही,

रेलगाड़ी मा करय सफर।

जंगल पहाड़ सब ला घूमे,

नी खोजे अपन हम सफर।।

लरा जरा एकर अब्बड़ हावे,

संगवारी बनावे तत्काल।

जब मइके रही भरे बोजे,

बिजली के घर मा सुकाल।।

बिजली जस कमइया पा के,

सबला मिलथे खूबेच ओत।

ओकर बिना जग अंधियार,

रहय सदा बिजली के जोत।।

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पिंजरा के सुवा, लेखक श्री एम् एल ठाकुर दल्लीराजहरा


कानून बेवस्था होगे फेल,
जंगल मा होगे रक्सा राज।
फुग्गा फुलावे बजावे गाल,
बैरी -हजयपट्टा मारे जइसे बाज।।
कई कोरी गांव के लोगन ला,
बसाइस सहत सिविर मा।
गांव छुटे परिवार उजड़गे,
बसिन्दा सोचत हे सिविर मा।।
खार खेत सब होगे परिया,
माल मवेसी जंगल म जाय।
ए पार नरवा ओ पार -सजय़ोंड़गा,

दिन रात जी हा गांव मा जाय।।
लरा जरा के खुब सुरता आथे,
चिरई होतेव उड़ के जातेव।
तिहार बार के सुन्ना लागथे,
तिजा नवई लेवा के लातेव।।
बेटी के नान नान नोनी बाबु,
बड़ उतययिल ओमन हाबय।
बरजय बास मानय नहीे,
घेरी बेरी नरवा म जावय।।
का गलती करे हन भगवन,
सिविर मा हमला डारे तय हर।
तन मन मा हमर बेड़ी बंधांगे,
का के सजा देवत हस तेहा।।
वरदी वाला डंडा लहरावे,
बात बात म वो खिसयाथे।
काकरो सुने के आदत नईये,
टांट भाखा सुन माथा पिराथे।।
हमला देखके बन के बघवा,
मुड़ी गड़ियाय पूछी ओरमाय।
टेड़गी धारी ये पुलिसिया मन,
धमकी देवे नी सरमाय।।
चिरई चुरगुन ला उड़त देख,
मन हा उड़थे बादर मा।
कुहू कुहू कोयलिया बोले,
थाप लगातेव मांदर मा।।
हइरना मिरगा नरतन करय,
मूरली बजावे पड़की मैना।
फुदक फुदक के भठलिया नाचे,
कमर मटकावे बन कैना।।
भर्री मा बोतेव कोदो कुटकी,
मईंद खार म लारी बनातेव।
मड़िया जोंधरा जुवार बाजरा,
सूवा रमली दूर भगातेव।।
आमा अमली अऊ चार तेंदू,
सबके अब्बड़ सूरता आथे।
महुवा फुल बिने बा जातेंव,
बांस करील के सुरता आथे।।
चार चिरौंजी बजार हाट मा,
सहेब सुदा मन सूब बिसाथे।
दूनो परानी संग मा जाथन,
नी जाब मा घरवाली रिसाथे।।
सिविर बंधन तन ला बांधे,
मन तरंग मा उड़ि उड़ि जाय।
कब तक हम बंधाके रहिबो,
सूवा पिंजरा मा असकटाय।।
हमर सुनइया कोनो नइये,
लगथे हमला जग अंिधयार।
लाल लाल आंखी सबो दिखाथे,
कहां से मिलही हमला पियार।।
बन मा घुमय बन मानुस,
दादा दीदी ओमन कहलाय।
घर म जबरन आके घूसय,
पेज पसिया सबो -सजय-हजय
खटिया जठना मा वो सूतय,
मुहाटी मा हमला -सजय-हजय
कुकरा बासत घर से निकले,
जावत बेरा घुब धमकाय।।
पुलिस वाला आवे च-सजय़ती बेरा,

बांध के लाने पुलिस थाना।
गारी बखाना खुब देवय,
लात घुसा के रहय पीना खाना।।
दलम वाला हमर दार दरे,
पुलिस वाला करय पिसान।
जाता मा हम पिसावत हन,
नी बाचय थोरको निसान।।
धरती वाला सब आंखी मंूदे,
हमला सब कोई डरवाय।
प्रभू घर मा देर हे अंधेर नहीं,
तेहा काबर चुप मिटकाय।।

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प्रदेश मे सार्वजानिक वितरण प्रणाली ठप्प :राजनीतिक फायदे के लिए सा वि प्र का दोहन

प्रदेश मे सार्वजानिक वितरण प्रणाली पूर्णत ठप्प हो गई है जिस तरह से उचित मूल्य दुकानों को राजनीतिक फायदे के लिए प्रदेश मे नीतिया बनी गई उससे वह दिन दूर नही जब पुरी व्यवस्था ही ठप्प हो जाए, कभी नामा तो कभी तेल या कई रंग बिरंगे कार्ड से लोगो को लुभाने के लिए प्रदेश मे प्रयोग किए गए किंतु आज इन दुकानों मे पड़े हुए तेल ग्रहको का बाट जो रहे है फिर भी सरकार जबरिया बिना मांग के भी दुकानों को माल दिए जा रही है प्रदेश मे जिस तरह से बी पी एल परिवारों की संख्या बधाई जा रही वह भी चिंतनीय है राजनितिक फायदों के लिए अनाप शनाप कार्ड बातें गए है ओउर मिट्टीतेल से वाहन चलाये जा रहे.

लोक सभा चुनाव मे दुर्ग से कौन ?

आगामी लोक सभा चुनव मे दुर्ग से किसी युवा चेहरे को प्र्ताशी बनया जाएगा या फिर पुराने चेहरे फिर से मैदान मे होंगे? यह इस बात पर निर्भर करता है की विभिन्न दलों मे विधान सभा चुनव मे राजनीतिक समीकरण बदला हुआ है दुर्ग मे विधान सभा चुनव मे कांग्रेस से अरुण वोरा जी का प्रदर्शन ने लोगो मे उम्मीद की एक किरण जगा दी है जिस तरह से विपरीत परिस्थितियों मे अरुण वोरा जी ने विधान सभा चुनव मे मतदाताओ का समर्थन हासिल किया है वह काबिले तारीफ़ है मात्र कुछ सौ के अन्तर से यह सीट कांग्रेस से निकल गई लेकिन पिछली खाई को पाटने मे कांग्रेस जन सफल रहे । अरुण वोरा जी का जनाधार जिस तरह से विगत वर्षो मे बढ़ा है उससे निश्चित ही कांग्रेस के कुछ नेताओ को सुकून नही दे रही । अरुण वोरा जी ने दुर्ग ओउर छत्तीसगढ़ की राजनीतिक जमीन को एक साफ़ सुथरे युवा नेता की छवि प्रस्तुत की है ओउर उन नेताओ मे शुमार हो गए है जो कथनी मे नही करनी मे विश्वाश करते है राजनीतिक जमीन पर अरुण वोरा जैसे बेदाग छवि का मिलना कोंगरेसस के लिए एक अतिरिक्त लाभ है जो छत्तीसगढ़ की राजनीतिक जगत के लिए शुभ संकेत है। अरुण वोरा जी ने छत्तीसगढ़ की राजनीतिक फिजा मे बुद्धजीवी वर्ग सहित दलित मजदुर किसान वर्ग मे अलग छवि प्रस्तुत करके यह दिखा दिया है की वे परम्परा गत राजनीती से हटकर कुछ अलग करने का साहस रखते है अपने युवा karykartao को भी अरुण वोरा जी ने leek से अलग हटकर काम करने hetu prerna प्रस्तुत किया है ओउर सिर्फ़ naarebaji से हटकर जन aakaanchhao को mukhrit करने मे सफल रहे है।

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बुधवार, 1 अक्तूबर 2008

युवा कांग्रेस :भविष्य की चुनौतिया


युवा कांग्रेस को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा, देश के युवाओ को संगठित कर उनकी उर्जा का उपयोग राष्ट्रहित मे होना आवश्यक है,इसलिए आज की सबसे बड़ी आवश्यकता युवाओ की उर्जा को सहीदिशा देकर देश की आर्थिक राजनीतिक सामाजिक मुद्दों को सुलझाने एवं राष्ट्र के नवनिर्माण मे मे करने की है, किसी भी राष्ट्र की युवा शक्ति राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति होती है,कार्यशील जनसँख्या का एक बड़ा प्रतिशत युवाओ का होता है और राष्ट्र की शक्ति मानव संसाधन पर निर्भर करता है ,
हमारे पूर्व प्रधान मंत्री राजीवगांधी की दूरगामी दृष्टि का लाभ आज हमें मिल रहा है उनके द्वारा हमारे देश मे उस समय कंप्यूटर क्रांती की शुरुआत की गई जब वह विश्व मे एक नई चीज थी,जिसका प्रतिफल हमें आज मिल रहा है आज भारत आई टी के क्षेत्र मे एक विश्व शक्ति है ,और आउट सोर्सिंग का प्रमुख केन्द्र ।
दुर्ग भिलाई शिक्षा के क्षेत्र मे अपना प्रमुख स्थान बना चुका है और तकीनीकी मेडिकल के संसथान यहाँ खुल रहे है और हमें इसके लिए अनुकूल परिवेश बना रहे यह निरंतर प्रयास करना होगा,छत्तीसगढ़ के शिक्षा जगत मे दुर्ग का नाम अग्रणी रहे तथा यहाँ के युवाओ को उचित अवसर प्राप्त होता रहे यह भी देखना होगा,छत्तीसगढ़ के युवा अपनी शांत सौम्य प्रकृति के कारण जाने जाते रहे है उनकी शांत प्रवृत्ति का अन्यथा शोषण न हो तथा यहाँ की प्रतियोगी परीक्षाये निष्पक्ष हो ताकि युवाओ को बिना किसी पक्ष पात के रोजगार के अवसर मिले । हाल ही मे आयोजित कुछ परीक्षाओ मे घोटालो की गूंज सुनाई दी थी और केन्द्रीय सरकार द्वारा लागू सुचना का अधिकार अधिनियम का उपयोग कर अभ्यर्थियों ने उत्तर पुस्तिका ,परिणाम की प्रति प्राप्त कर अपने हक़ की लडाई लड़ी जो कबीले तारीफ़ है,निश्चित रूप से यह अधिनियम एक मिल का पत्थर साबित होगी

शुक्रवार, 19 सितंबर 2008

दुर्ग प्रधान डाक घर मे अव्यवस्था का आलम: जनता परेशान

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले मे स्थित प्रधान डाक घर अव्यवस्था की गिरफ्त मे है। किसी समय पोस्ट आफिस की साख ऐसी थी की लोग डाकिया को अपने रूपये पैसे जमा कराने हेतु दे दिया करते थे , लोग बेसब्री से डाकिया के आने का इन्तजार करते थे किंतु आज स्थिति अत्यंत भयावाह है पोस्ट आफिस मे आपके द्वारा जमा किए गए पैसे भी सुरक्षित है अथवा नही आप कुछ कह नही सकते । दुर्ग के प्रधान डाक घर मे आए दिन आम जनता के साथ दुर्व्यवहार यंहा के कर्मचारियों द्वारा किया जाना आम बात हो गई है , विभिन्न पदों के लिए बेरोजगार युवा बड़ी संख्या मे आवेदन भेजते है लेकिन समय पर डाक नही मिलने के कारण कई अभ्यर्थी भर्ती के अवसरों से वंचित हो जाते है , हलाकि अब डाक घरो मे कंप्यूटर की सुविधा भी दे दी गई है किंतु काम करने की गति उनकी पहले से भी कम हो गई है घंटो लोगो को लाइन मे खडा करके रखते है ओउर बाद मे कभी लंच का टाइम तो कभी अवकाश का टाइम का बहाना करके लोगो को परेशान करते है , आख़िर लोग थक हार कर निजी कोरियर कम्पनी की सेवा लेना पसंद करते है । कंही इन सब कारणों के पीछे निजी कम्पनियों को फायदा पहुचने की तो नही है ? लोगो मे डाकघर के प्रति रोष बढ़ता ही जा रहा है डाक घर जिला कार्यालय के नजदीक होने के कारन दूर दराज से आए ग्रामीण भी घंटो कतार मे खड़े दिख जाते है डाकघर के कर्मचारी बड़ी हिकारत के साथ अह्सहानुभुती पूर्वक व्यवहार करते है । डाक घर की साख कितनी कम हो गई है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की लोगो मे डाकघरों की जमा योजनाओ के प्रति भी विश्वास नही रहा है और प्रतिवर्ष जमा के आंकडे कम से कम होते जा रहे है , चाहे वह nsc हो या rd या beema सभी मे लोग दूर होते जा रहे है ।

गुरुवार, 18 सितंबर 2008

किसान भाइयो के लिये संसद मे आवाज SHRI MOTILAL VORAMember of Parliament(Rajya Sabha)

SHRI MOTILAL VORA Member of Parliament(Rajya Sabha)
pl visit http://youthcongresschhattisgarh.blogspot.com/
QUESTION DETAILS GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF CHEMICALS AND FERTILIZERS
DEPARTMENT OF FERTILIZERS
RAJYA SABHA
STARRED QUESTION NO 641
TO BE ANSWERED ON 10.05.2002
NON AVAILABILITY OF UREA .


641. SHRI DIPANKAR MUKHERJEE


Will the Minister of CHEMICALS AND FERTILIZERS be pleased to state:-


(a) whether Government’s attention has been drawn to the news- item titled, “more fertilizer units should be closed”, appearing in the Statesman dated 14th April, 2002;

(b) if so, whether Government are taking into consideration the absence of any urea producing unit in West Bengal and Bihar, after the proposed closure of Haldia, Durgapur, Barauni and Jharkhand;

(c) if so, the impact of non-availability of Urea in those States, after the proposed removal of administrative pricing system of Urea and ECA; and

(d) the steps taken by Government to have green field or brown field urea producing units in these States?


ANSWER


THE MINISTER OF CHEMICALS AND FERTILIZERS

(SHRI SUKHDEV SINGH DHINDSA)


(a) to (d) : A statement is laid on the Table of the House. Statement referred to in reply to parts (a) to (d) of the Rajya Sabha Starred Question No.641to be answered on 10.5.2002

(a) Yes, Sir.

(b) Yes, Sir. A Group of Ministers (GOM) has been constituted in June, 2001 to examine the comprehensive rehabilitation/restructuring proposals of the four sick fertilizer Public Sector Undertakings (PSUs) of Hindustan Fertilizer Corporation Ltd. (HFC), Fertilizer Corporation of India Ltd.(FCI), Projects & Development India Ltd. (PDIL) and Pyrites, Phosphates & Chemicals Ltd. (PPCL), based on their unit-wise techno-economic viability. GOM’s recommendations are to be submitted to the competent authority in the Government.

(c) : There is no proposal at present for immediate removal of distribution control on urea.

(d) : There is no decision on any fresh investment for a new unit under public/cooperative sector. Setting up of fertilizer plants in the private sector is not subject to any licensing requirements.

शनिवार, 6 सितंबर 2008

लोकतंत्र मे विरोध जायज पर परमाणु करार विवाद बार बार क्यों

भाजपा द्वारा संसद मे अविश्वास प्रस्ताव मे मात खाने के बावजूद बार बार परमाणु करार का विवाद खड़ा करना राष्ट्रीय हितों को अनदेखी कर मात्र विरोध की राजनीती का एक हिस्सा बनता जा रहा है भारतीय वैज्ञानिको का भी मत परमाणु करार के पक्ष मे होने केबावजूद यह विरोध की राजनीती भाजपा का चुनावी पैतरा मात्र हो गया लगता है,

गुरुवार, 4 सितंबर 2008

रमन सिंह जी का चुनाव क्षेत्र .....

रमन सिंह जी हमारे प्रदेश के मुखिया जी आख़िर कों से चुनाव क्षेत्रा से चुनाव लड़ने जा रहे या लड़ने ही नही जा रहे ? इस बात का लोग कयास लगाये जा रहे ?लेकिन लोग यह मानकर चल रहे की वे डोंगरगांव क्षेत्र जन्हा के विधायक है वे ,से शायद ही लड़े...क्यो? आख़िर क्यो नही लड़ना चाहते ? इस बात का जवाब शायद डोंगरगांव की जनता जानती है या स्वयम वंहा के विधायक माननीय रमन सिंह जी .... कभी kavardhaa के विधायक chune

रमन सिंह जी का चुनाव क्षेत्र .....


गुरुवार, 10 जुलाई 2008

अन्नपूर्णा का स्वयम्वर :क्या सही क्या ग़लत

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से हल्बा जाती की युवती अन्नपूर्णा द्वारा स्वयम्वर द्वारा अपना वर चयन किया गया हलाकि इस कथित स्व्य्न्म्वर मे सिर्फ़ एक मात्र लड़का जिसका चयन किया गया वही उपस्थित था बाकि एनी लड़को का अतापता नही था, हजारो की हुजूम मे अव्यवस्था का आलम था इस स्वम्वर मे कब प्रश्न पूछा गया कब उत्तेर दिया गया कोई नही देख पाया एक टी वी चैनल वाले दिनभर सीधा प्रसारण करते रहे ,इस स्वम्वर के बारे मे आपकी राय आमंत्रित है। क्या आज के युग मे ऐसा किया जाना उचित है?क्या यह आडम्बर मात्र था या क्या मिडिया को दिखने के लिए एक दृश्यांकन ?..आप अपनी रायसे अवगत कराये इस स्वम्वर के बारे मे....

भारत का अमेरिका के साथ परमाणु करार सही या ग़लत ?

भारत सरकार द्वारा अमेरिका के साथ परमाणु मसलो पर अमेरिका के साथ करार के बारे आपकी क्या राय है? क्या यह देश हित मे है?क्या भारत के परमाणु उर्जा के संवर्द्धन के लिए यह आवश्यक है? इस पर आपका अपना विचार क्या है? आपका विचार आमंत्रित है।

रविवार, 6 जुलाई 2008

बोडसरा बाड़ा विवाद: क्यो नही निकालते सामान्य हल

छत्तीसगढ़ मे विगत कई माह से बोड्साराबाड़ा विवाद चर्चित रहा है लेकिन अभी तक कोई सामान्य हल नही निकला जा सका है। आख़िर क्यो ? क्यो नही इसका एक सामान्य हल निकला जाए ताकि किसी का अहित न हो । निश्चित ही जंहा पर धार्मिक आस्था का प्रश्न उत्त्पन्न होता है तब उस प्रश्न को हल करना एक टेढी खीर होती है ,और खासकर जन्हा पर दो विपरीत ध्रुव आमने सामने हो तो राजनैतिक रोटी सेकने वालो की भी कमी नही रहती .राम सेतु विवाद, अयोध्या विवाद, काशी आदि विभिन्न जगहों मे व्याप्त विवाद इसका उदहारण है अब छत्तीसगढ़ मे इस विवाद का सर्वमान्य हल यंहा के बुध्दजीवी वर्ग निकल लेंगे ऐसी आशा कर सकते है ,

रविवार, 22 जून 2008

वादा किया तो निभाना भी सीखो

हाल के दिनों मे यह देखने मे आया है कि नेता गण चुनाव के समय जोर शोर से वादे कर जाते है किंतु जब वादे पूरे करने की बारी आती है तो मुकर जाते है,यह कभी २ गले की हड्डी का फाँस भी बन जाता है जैसे अभी रानी साहिबा को हो गया है,गुर्जर समुदाय को अ जजा समुदाय मे शामिल करने का वचन देकर उन्होंने पूरे देश मे अशांति का सूत्रपात कर दिया है और कितनी ही मासूम जाने चली गई,चुनाव जीतने के लिए अनाप शनाप बोलने की रीति पर प्रतिबन्ध लगना चाहिए और चुनावी घोषणापत्रों को लागू करना पूरा करना अनिवार्य किया जाना चाहिए ताकि नेताओ की बेसिपैर बोलने की आदत पर लगाम लगाया जा सके।छत्तीसगढ़ मे ही चुनाव के पूर्व वर्तमान कर्ताधार्ताओ ने बेरोजगार युवा युवतियों को ५०० रु बेरोजगारी भत्ता,हर आदिवासी परिवार को गाय,दाल भात केन्द्र ,लघु सीमांत किसानों को कर्जा माफ़,प्रत्येक आदिवासी परवर के एक व्कती को नोअकरी ,भू भटक की समाप्ति और न जाने कितने वादे किए थे किंतु किसी भी वादे को अस्लिजामा नही पहना सके कुछ करनी की कोशिश भी कि तो सिर्फ़ दिखावटी.

ठाठापुर से रामपुर

हिंदूस्थान मे आजकल नाम बदलने की परिपाटी चल रही है कभी का बम्बई अब मुम्बई हो गई है,अब उडीसा का ओड़ीसा किया जा रहा,उड़िया भाषा भी अब ओडिया कहलायेगी,छत्तीसगढ़ के सी ऍम ने भी अपने गाँव का नाम ठाठापुर से रामपुर कर लिया है,पहले लोग कहते थे कि नाम मे क्या रखा है,काम से आदमी जाना जाता है पर अब के राजनेता सिर्फ़ नाम बदलना ही जानते है,काम भले कोडी का न करे।

फर्जी जाती प्रमाण पत्र वाले लोगो पर कार्यवाही

फर्जी जाती प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी एवं राजनीति-
फर्जी जाती प्रमाण पत्र के आधार पर कुछ लोगो द्वारा आज कल एन केन ढंग से नौकरी प्राप्त कर ली जाती है और उस वर्ग के हितों को कुठाराघात करते रहते है,एस टी, एस सी की फर्जी जाती प्रमाण पत्र के आधार पर कई लोग नौकरी कर रहे है, इनके विरुध्द सख्त कार्यवाही की आवश्यकता है तभी इनके ऊपर रोक लगाई जा सकती है ,कई लोग तो इसके सहारे अच्छे २ पड़ पर चयनित होकर उच्च पदों पर कार्य कर रहे , भिलाई इस्पात सयंत्र मे न जाने कितने ऐसे लोग होंगे ,देखा तो यह जाता है की उच्च वर्ग के अफसर ही ऐसे कांड मे लिप्त है और फर्जी जाती प्रमाण पत्र बना के एस टी एस सी के हितों पर कुठारा घात कर रहे।

दुर्ग जिले की राजनीति

राजनीतिक रूप से दुर्ग जिला जागृत प्रदेश है ,यहाँ की राजनीतिक गलियारों मे सभी दल पार्टी के दलगत राजनीतिक नेताओ मे टिकिट के दावेदार नेता ज्यादा दिखायी देते है ,और पार्टी संगठन की मजबूती के लिए कम ,आज की स्थिति मे तो राजनीति मे आए दो दिन हुए नही की अपने आपको टिकिट के दावेदार समझने लगते है ,एक बार पञ्च या पार्षद बन जाए तो फिर अपने आपको विधायक संसद का दावेदार समझने लग जाते है उनकी न तो पार्टी कार्यकर्ताओ मे पकड़ होती है ना ही आम जनता मे ,वे तो बस अपने आपको बहुत बड़े नेता समझते है ,ऐसे लोगो को किसी भी दल मे प्रोत्साहन नही देना चाहिए ,

सोमवार, 16 जून 2008

विकास यात्रा या चुनाव सभा


मंगलवार, 10 जून 2008

उडीसा का नम अब ओड़ीसा

हिंदू स्थान मे आजकल नाम बदलने की परिपाटी चल रही है कभी का बम्बई अब मुम्बई हो गई है,अब उडीसा का ओड़ीसा किया जा रहा,उड़िया भाषा भी अब ओडिया कहलायेगी,छत्तीसगढ़ के सी ऍम ने भी अपने गाँव का नाम ठाठापुर से रामपुर कर लिया है,पहले लोग कहते थे कि नाम मे क्या रखा है,काम से आदमी जाना जाता है पर अब के राजनेता सिर्फ़ नाम बदलना ही जानते है,काम भले कोडी का न करे।

चुनावी वादों पर अमल क्यो नही

हाल के दिनों मे यह देखने मे आया है कि नेता गण चुनाव के समय जोर शोर से वादे कर जाते है किंतु जब वादे पूरे करने की बारी आती है तो मुकर जाते है,यह कभी २ गले की हड्डी का फाँस भी बन जाता है जैसे अभी रानी साहिबा को हो गया है,गुर्जर समुदाय को अ जजा समुदाय मे शामिल करने का वचन देकर उन्होंने पूरे देश मे अशांति का सूत्रपात कर दिया है और कितनी ही मासूम जाने चली गई,चुनाव जीतने के लिए अनाप शनाप बोलने की रीति पर प्रतिबन्ध लगना चाहिए और चुनावी घोषणापत्रों को लागू करना पूरा करना अनिवार्य किया जाना चाहिए ताकि नेताओ की बेसिपैर बोलने की आदत पर लगाम लगाया जा सके।
छत्तीसगढ़ मे ही चुनाव के पूर्व वर्तमान कर्ताधार्ताओ ने बेरोजगार युवा युवतियों को ५०० रु बेरोजगारी भत्ता,हर आदिवासी परिवार को गाय,दाल भात केन्द्र ,लघु सीमांत किसानों को कर्जा माफ़,प्रत्येक आदिवासी परवर के एक व्कती को नोअकरी ,भू भटक की समाप्ति और न जाने कितने वादे किए थे किंतु किसी भी वादे को अस्लिजामा नही पहना सके कुछ करनी की कोशिश भी कि तो सिर्फ़ दिखावटी.

खसरा, बी-वन तथा नक्शे की नि:शुल्क प्रतिलिपियां वितरण की योजना
छत्‍तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के अनुरूप किसानों को उनकी जमीन का खसरा, बी-वन तथा नक्शे की नि:शुल्क प्रतिलिपि वितरण की कार्रवाई पूरे प्रदेश में चल रही है। इस योजना के तहत पिछले माह किसानों को उक्त तीनों महत्वपूर्ण दस्तावेजों की 93 लाख 10 हजार 370 प्रतिलिपियां वितरित की गई। इनमें 59 लाख 70 हजार 89 खसरा, 22 लाख 21 हजार 618 बी-वन तथा ग्यारह लाख 18 हजार 663 नक्शे की प्रतिलिपियां शामिल हैं। लेकिन उक्त दस्तावेज दिए जाने के आंकडे कितने विस्व्श्नीय है यह लोगो को पटवारियो तःसिलो जिला कार्यालयों के चक्कर काटते देख हो जाती है,

पेट्रोल डीजल मूल्य वृध्दि

पेट्रोल एवम डीजल के मूल्य वृध्दि के करण पुरा देश चिंतित दिखायी दे रहा है,बढ़ती मंहगाई मे इस व्र्ध्दी से आम जन खासे चिंतित नजर आ रहे,निश्चय ही आम लोगो का बजट इससे प्रभावित होगा,पेट्रोल और डीजल हमारे देश मे सब्सीडी के कारण ही आम लोगो की पहंच के अन्दर है वरना आयातित मूल्य पर ना जाने क्या हालत होगी,पेट्रोल देशो द्वारा पेटोलियम उत्पादों की मूल्य वृध्दि करके मुनाफा कमाने की होड़ ने सभी देशो को चिंतित कर दिया है,अभी जैव इंधन का विकास इतना नही हुआ है कि पुरी मांग की पूर्ति उससे कर दिया जाए,इस व्र्ध्दी से एनी सामग्रियों का दाम भी बढेगा और पेट्रोलियम उत्पादन करता देशो को जो किपेट्रोल के अलावा अन्य जिंसों के आयत पर ही निर्भर है ,को ऊँचे दामो पर खाद्य और अन्य वस्तुए खरीदनी होगी ,कुल मिलाकर हिसाब बराबर हो जाएगा पर इस असंतुलन से गरीब इंसानों को मुश्किलात का सामना करना पड़ेगा जो सोचनीय है,

आदिवासी वर्ग को आपत्ति

इधर बस्तर मे पूर्व कलेक्टर और वर्तमान बस्तर कमिश्नर गणेश शंकर मिश्रा के द्वारा सरकारी वेब साइट मे घोटुल के बारे मे आपत्तिजनक लेख लिखने के कारण आदिवासी वर्ग के लोगो ने आन्दोलन छेड़ रखा है तथा उक्त अधिकारी से माफी मांगने की मांग कर रहा है,एक स्थानीय भाजपा नेता तो इस मुद्दे को जातिगत लड़ाई करार देने की फिराक मे है और इस आन्दोलन के पीछे अजीत्जोगी की भूमिका बता रहे है,साथ ही स्थानीय अधिकारी कर्मचारी गण को भी इस आन्दोलन मे मदद करने का आरोप लगाया है उनका आरोप कितना सही है यह तो वो ही जाने किंतु जातिगत विश्वमन किया जाना इस आन्दोलन और प्रदेश की संस्कृति के विरुद्ध होगा,और यह किसी भी कोअम के लिए ठीक नही कहा जा सकता,

सोमवार, 9 जून 2008

अख़बार की कतरनों मे छत्तीसगढ़ की खबर

छत्तीसगढ़ मे शिक्षा व्यवस्था की बदहाली अखबारी कतरनों मे भी साफ झलक रही है,उसी प्रकार विकास यात्रा मे सी ऍम के गृह जिले मे छोटे २ बच्चो महिलाओ को रात मे घंटो सड़क किनारे खड़ा रखकर भीड़ बढ़ाने का प्रयास किया जाना ,उन्हें भूखो रखकर तडपाना आज की विकृत राजनीतिक मानसिकता का द्योतक है,उक्त समाचार कवर्धा से ठाठा पुर के बीच सी ऍम के विकास यात्रा का है,आधी अधूरी भवनों आदि का उद्घाटन सिर्फ़ जनता को दिखाने भर के लिए कर दिया जाता है,

गुरुवार, 5 जून 2008

शिक्षा कर्मी भर्ती :मायूस चेहरे

बड़े जोरशोर से शिक्षा कर्मी भर्ती की परिक्षा का रिजल्ट आया ,बेरोजगार युवा युवतिया हजारो की भीड़ मे नेट मे नाम तलाशते रहे ,लेकिन उनका रेंक देख के मायूस होते जा रहे ,भर्ती परीक्षा को भी सरकार यदि आय का स्रोत मानकर भरी भरकम फीस उगाही करे और अंत मे आवेदक के हाथो सिर्फ़ मार्क सीट मिले और चयन सिर्फ़ २ - ४ का हो तो उनका मायूस होना जायज ही है ,क्या सरकार को वर्गवार इतनी फीस अलग अलग लेनी चाहिए की बेरोजगारों को फार्म भरने से पूर्व सोचना पड़े?

रायपुर मे एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जो फर्जी बी एड एवम दी एड की अन्क्सुची थोक मे बेच रहा है,


बुधवार, 4 जून 2008

ब्लाग मे छत्तीसगढ़

ब्लोअग मे छत्तीसगढ़ अब दिखायी देने लगा है ,कुछ समय पहले नेट मे छत्तीसगढ़ सर्च करने पर सिर्फ़ एन आई सी की साईट दिखती थी लेकिन अब वह बात नही रही बल्कि यहाँ के मूर्धन्य साहित्यकार सवाद्दाता ओ ने जो प्रयास किया है वह सराहनीय है,संदीप तिवारी जी का का आज साईट देखा जो विविधता से परिपूर्ण एवम कलात्मक है उसी प्रकार जय छत्तीसगढ़ ,छत्तीसगढ़ नामक ब्लॉग भी अच्छे लगे .
अब देखना यह है कि नवान्गुतुक ब्लाग लेखकों को हम कैसे सहयोग दे कि छत्तीसगढ़ की विविध्ताओ से परिपूर्ण संस्कृति की झलक नेट मे मिले ,हो सकता है विचारो मे मतभेद हो लेकिन हम सभी का प्रयास छत्तीसगढ़ की बहुल वादी संस्कृति जो सभी लोगो को आत्मसात कर लेती है की तरह एक दुसरे के साथ सामंजस्य भाईचारा के साथ आगे बढ़ाने का प्रयास करना होगा।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस की एका :भाजपा की बैचेनी

अब देखना यह है कि कांग्रेस की भी यह एकता सिर्फ़ दिखावा है या चुनाव के समय तक यह एकता कायम रहती है,क्योकि अनेको गुटों मे फंसे पार्टी के लोग दल के पहले अपने नेता को प्राथमिकता देते है। निचले स्तर पर कार्यकर्ताओ को भी सक्रीय करने की आवश्यकता होगी वरना यह एकता कही शो बाजी ही न रह जाए। छत्तीसगढ़ मे दरअसल सभी दलों मे शहरी नेताओ को प्राथमिकता दी जा रही ओर ग्रामीण कार्यकर्ताओ की उपेक्षा । यह यहाँ की बहुत बड़ी विडम्बना है । कर्मठ कार्यकर्ता इस परिपाटी से बहुत परेशां भी है । भाजपा मे रमन संघ के नेतृत्व मे चुनाव लड़ा जाना लगभग तय ही है जिसका फायदा भी उन्हें होगा जबकि कांग्रेस मे किसके नेतृत्व मे चुनाव लड़ा जायेगा यही तय नही है,सामुहिक नेतृत्व की परिकल्पना सार्थक होती है या नही यह समय ही बताएगा ।


शिक्षा कर्मी भर्ती परिक्षा संदेहास्पद :छत्तीसगढ़

शिक्षा कर्मी भर्ती परीक्षा की विश्वनीयता संदेह के घेरे मे है,विगत दिनों नेट मे घोषित उक्त परिक्षा के परिणाम दुसरे दिन हटा दिए गए तथा यह कहा जा रहा है कि कुछ सुधर कार्य किए जा रहे,वही उक्त रिजल्ट मे सिर्फ़ रेंक दिखा दिया गया था जिससे यह स्पष्ट नही हो पा रहा कि किसका चयन हुआ किसका नही,अब वो भी हटा के व्यपम पता नही क्या कर रही ,छत्तीसगढ़ के परीक्षार्थी वैसे भी सरकार की भर्ती के तरीको से असंतुष्ट हो गई है,बोर्ड परिक्षा हो या पी एस सी सभी जगह खुलेआम भ्र्ताचार किया जा रहा,

दुर्ग शहर युवा कांग्रेस अब हाई टेक

युवा कांग्रेस की दिल्ली से आयी सुश्री चयनिका उन्याल द्वारा गत दिनों १ मई २००८ को युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओ की बैठक ली जिसमे अधिक से अधिक लोगो को युवा कांग्रेस से जोड़ने के लिए अभियान छेड़ने ओर जन समस्याओ को पुरजोर तरीके से उठाने का निर्णय लिया गया ,छत्तीसगढ़ मे दुर्ग शहर युवा कांग्रेस अब इ मेल ,ओर इंटरनेट ,मोबाइल ,का उपयोग सदस्यता अभियान के लिए करेगी ,छत्तीसगढ़ मे युवा वर्ग की अवहेलना ओर भर्ती मे भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उक्त बैठक मे छाया रहा ,छत्तीसगढ़ की वर्तमान बी जे पी सरकार द्वारा बेरोजगारों को भी नही छोड़ा है ओर आवेदन पत्रों को भी कई गुना ज्यादा रेट पर बेचा जा रहा है , उसी प्रकार कालेजो मे भी फीस को बढ़ा दिया गया है ,अब बेरोजगार व्यक्ति कहा से इतना पैसा ला कर आवेदन पत्र खरीदेगा ?क्या सिर्फ़ अमीर लोग ही बी जे पी के लिए आवेदन के पात्र है बाकी गरीब बेकार है?"इन सब मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाकर विरोध करने का निर्णय लिया गया ,उक्त बैठक मे श्री अरुण वोरा एवम देवलाल ठाकुर शहर युवा कांग्रेस अध्यक्ष उपस्थित थे।

सोमवार, 2 जून 2008

दुर्ग छत्तीसगढ़#links

दुर्ग छत्तीसगढ़#links

रविवार, 1 जून 2008

आँग सू की की रिहाई क्यो नही

हमारे पड़ोसी देश बर्मा मे कई वर्षो से सैनिक तानाशाही का तांडव चल रहा है ,हाल मे आए तूफान ने उनकी कमर तोड़ दी है, महात्मा गाँधी के मार्ग पर चलते हुए वहा की नेता आँग सु वर्षो से लोक तंत्र की बहाली के लिए लड़ रही पर उन्हें सैनिक तानाशाहों ने नजरबन्द कर रखा है कितने ही वर्षो से वह जेल की सलाखों मे है पर हमारी मीडिया ने कभी इसे प्रमुखता नही दी , क्या एक पड़ोसी देश होने के नाते हमारा धर्म नही कि हम भी वंहा की लोकतंत्र की बहाली का समर्थन करे ,या सिर्फ़ सिर्फ़ आपदा या कोई बड़ी घटना होने पर ही उनकी ख़बर दे .

शनिवार, 31 मई 2008

आज कल

छत्तीसगढ़ की अस्मिता की रक्षा कैसे करे -
छत्तीसगढ़ मे शोषित पीड़ित मानवता की रक्षा के लिए ,यहाँ की संस्कृति की अनुरक्षण करने के लिए कुछ ठोस पहल करने की आवश्यकता है , आजकल देखने मे आ रहा है की हर गाँव मे अलग अलग सामाजिक भवनों की मांग की जाती है ,जाहीर सी बात है , भवन का उपयोग सिर्फ़ उस जाती विशेष द्वारा की जायेगी , एक ही गाँव मे कितने ही जाती समाज के लोग रहते है तो क्या हर जाती के लिए अलग भवन बनाया जाना उचित है ,ऐसे अलग अलग भवन बनने से जातिगत सामंजस्य जो छत्तीसगढ़ की विशेषता है खोने का डर बना रहेगा , क्या एक गाँव मे एक मंगल भवन नही बना देना चाहिए जिसका हर जाती समाज के लोग उपयोग कर सके ,और यह सोचने की बात है कि साल मे कितना उपयोग उस भवन का किया जाता है ,इसलिए अलग २ भवन बनाया जाना उचित नही है ,
जिले स्तर पर जरुर यह किया जाना चाहिए ताकि उस समाज जाती की बैठक ,कार्यालय का काम या छातारावास ,प्रशिक्षण केन्द्र ,आदि गतिविधियों का संचालन हो ,लेकिन देखा जाता है कि दो चार शादी विवाह के अलावा कोई भी उपयोग इन भवनों का नही किया जाता ,

कुछ वर्षो से यह भी देखने आ रहा है कि कुछ लोग अपने अपने समाज मे संगठन मे कुछ पद हथिया लेते है ओर उसका उपयोग स्वंम की राजनीतिक गतिविधियों के संचालन के लिए करते है ,जातिगत मंच का उपयोग राजनीतिक स्वार्थ सिध्दी के लिए किया जाता है चुनाव के समय किसी न किसी राजनीतिक दल से जुड़कर समाज के लोगो को फतवा जरी करते है कि अमुक को समर्थन करो , क्या जातिगत मंचो का उपयोग इस तरह किया जाना ग़लत नही है , हर व्यक्ति की अपनी अलग राजनीतिक सोच हो सकती है ओर हर राजनीतिक दलों मे हर जाती वर्ग के लोग है ऐसे मे निहित स्वार्थ के लिए इस तरह का हथकंडा अपनाया जाना उचित नही है ।


शिक्षा कर्मी भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित

छत्तीसगढ़ शिक्षा भर्ती परीक्षा परिणाम घोषित -
छत्तीसगढ़ व्यासायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित शिक्षा कर्मी भर्ती परीक्षा के परिणाम आज घोषित कर दिए गए । उक्त परीक्षा मे छ ग के लाखो परीक्षार्थी ने भाग लिए थे ,अभी सिर्फ़ मेरिट लिस्ट केटेगरी वार एवम जिलेवार घोषित किया गया है , अब देखना यह है कि भर्ती निष्पक्ष की जाती है अथवा डीएड ,बी एड ,के नाम से मेरिट लिस्ट मे हेर फेर किया जाता है क्योकि अभी परिणाम मे यह स्पष्ट नही हो रहा है। दुसरी बात यह भर्ती जनपद वार जिलेवार की जानी है जिससे पुनः पुरानी स्थिति बन सकती है जिसमे अभ्यर्थियों को दस्तावेजों एवम अन्क्सुचियो की जांच आदि तथा डी एड बी एड के नाम से आगे पीछे कर हेरा फेरी की जा सकती है , ग्रामीण क्षेत्रो मे कई दलाल किस्म के व्यक्ति अभ्यर्थियों से वसूली कर रहे ऐसी अफवाहे भी जोरो सी थी ,अब देखना यह है कि आगे नियुक्ति कितनी पक्सफ़ होती है या ये भी भ्र्स्ताचार की भेंट चढ़ जायेगी । परिणाम www.cgvyapam.in पर देखी जा सकती है ।

शुक्रवार, 30 मई 2008

cgbse द्वारा १० वी के परिणाम की घोषणा आज

माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वरा १० वी हाई स्कूल के परनाम आज घोषित कर दिए जायेगे ।
http://cgbse.org
पर आप परिणाम देख सकते है ,इसके अतिरिक्त मोबाइल पर भी परिणाम जाना जा सकता है ।

बुधवार, 28 मई 2008

दुर्ग छत्तीसगढ़: धान का कटोरा ओर तीन रुपया का चावल

दुर्ग छत्तीसगढ़: धान का कटोरा ओर तीन रुपया का चावल

मंगलवार, 27 मई 2008

धान का कटोरा ओर तीन रुपया का चावल

धान का कटोरा या कटोरे मे ३ रुपया का चावल
हमारे प्रदेश मे विकास यात्रा चल रही है ,तपती धुप मे हमारे मुखिया जी घूम रहे है सुदूर बस्तर से मैदानी इलाको तक,चिलचिलाती धुप,पसीने से सरोबर माथे मे चिंता की लकीर, प्रदेश के लोगो की या आने वाले चुनाव की ये तो कोई नही जनता पर कुछ लकीरे अवश्य है,हमारे प्रदेश मे जी हा धान के कटोरे या चावल के कटोरे वाले प्रदेश मे आजकल ३ रुपया वाले चावल की ही चर्चा है ,
अब ये तो हमारे मुखिया जी ही जानते होंगे कि ऐसी क्या परिश्थीति आ गई की प्रदेश मे बी पी एल गरीबी रेखा वाले लोगो की संख्या बढ़ गई ओर बढ़ते जारही है ओर हमारे मुखिया जी उनको ३ रूपये मे चावल बाटकर खुश हो रहे चावल के देश मे चावल के लिए क्यो लोग तरस रहे ,वो भी तीन रूपये वाली चावल के लिए,अभी कुछ दिनों पहले तक यही ३रुप्ये वाली चावल को हमारे ज्ञानवान क्षमता से परिपूर्ण अधिकारियो ने प्लास्टिक के पैकेटों मे पैक कर बाट रहे थे अब यह बात हमारे जैसे लोगो को क्या समझ मे आयेगी कि जमाना बदल गया है वैज्ञानिक क्रांती आ चुकी है हो सकता है अब कोई उच्च तकनिकी आई हो जिससे चावल बंद पैकेट मे भी ख़राब नही होती हो,
अब हमारे मुखिया जी धमतरी जिले के नगरी इअलाके मे जोर शोर से एक दुसरे प्रदेश के नेता के स्टाइल मे भाषण दे रहे है वही ३ रपये मे चावल वाली बात को दहाड़ने जैसे बोल रहे, अब सही ही है जब चावल के सबसे अधिक उत्पादन का रिकार्ड बनने वाले जिले को ३ रूपये मे चावल खाने की मजबूरी आ गई तो बाकी को तो खाना ही पडेगा,
जब नगरी दुबराज जिसकी सुगंध की महक विदेशो मे भी जाती थी उन्हें भी ३ रूपये मे चावल खाने की स्थिति है तो कोदो कुटकी वाले बस्तेरिया को तो खाना ही होगा,


रोजगार कब ओर कैसे

चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी
रोजगार मिलेगा ?क्यो नही ?छत्तीसगढ़ मे इन दिनों रोज अखबारों मे कोई न कोई विज्ञापन दिखायी देते है ,भले ही यहाँ की पी एस सी बदनाम हो चुकी हो ,भर्ती पर घोटालों के आरोप लग रहे हो , पर यहाँ की सरकार इन सबके बावजूद भर्ती पर तुली हुई है ? क्यो मालूम है ? क्योकि इसी बहाने वह बेरोजगारों को लुभाना चाह रही , दुसरे इससे अप्रत्यक्ष रूप से कुछ लोगो को काम मिल जा रहा , जो आगामी चुनाव मे काम आयेंगे ? है न यही बात ?

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