रविवार, 1 जून 2008

आँग सू की की रिहाई क्यो नही

हमारे पड़ोसी देश बर्मा मे कई वर्षो से सैनिक तानाशाही का तांडव चल रहा है ,हाल मे आए तूफान ने उनकी कमर तोड़ दी है, महात्मा गाँधी के मार्ग पर चलते हुए वहा की नेता आँग सु वर्षो से लोक तंत्र की बहाली के लिए लड़ रही पर उन्हें सैनिक तानाशाहों ने नजरबन्द कर रखा है कितने ही वर्षो से वह जेल की सलाखों मे है पर हमारी मीडिया ने कभी इसे प्रमुखता नही दी , क्या एक पड़ोसी देश होने के नाते हमारा धर्म नही कि हम भी वंहा की लोकतंत्र की बहाली का समर्थन करे ,या सिर्फ़ सिर्फ़ आपदा या कोई बड़ी घटना होने पर ही उनकी ख़बर दे .
टिप्पणियाँ:
आपकी चिंता जायज है. लेकिन नेपाल में इतनी उथल-पुथल हो रही है लेकिन हमारी सरकार ने कुछ खास नहीं किया. पड़ोसी मुल्कों के प्रति ऐसी उदासीनता चिंताजनक है.
 
आपका संदेश मिला,पढ़कर खुशी हुई,कृपया समय समय पर मार्गदर्शन करते रहेगे,मैं आपका आभारी रहूगा
देवलाल ठाकुर, दुर्ग छ.ग
 
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