मंगलवार, 13 मई 2008

रोजगार गारंटी योजना के क्रियान्वयन मे छत्तीसगढ़ की भूमिका नकारात्मक क्यो ?
प्रायः देखा जाता है की राज्यों मे आसीन सरकार केन्द्र पर भेदभाव का आरोप लगाकर विकास योजनाओ के लिए वित्त आबंटन मे अनियमितता का आरोप लगती है ,किनु इन सबसे हटकर वर्तमान केन्द्र शासन ने राज्यों को भरपूर वित्तीय मदद की है ,फिर भी छत्तीसगढ़ की सरकार केन्द्र की योजनाओ मे रूचि नही लेती है अऔर् रोती कलपती रहती है क्यो ?मात्र अपने राजनीतिक हितों के लिए जनता को मिलने वाली विकास योजनाओ के लाभ से वंचित कर रही है ,इसका सबसे बड़ा उदाहरण रोजगार गारंटी योजना है जिसमे वर्तमान राज्य सरकार क्रियान्वयन मे अरुचि दिखा रही है,यदि इस योजना को सही ढंग से प्रदेश मे लागू किया जाए तो किसी भी मजदूर को पलायन के लिए मजबूर नही होना पड़ेगा ,तथा बारहों माह रोजी मजदूरी का अवसर मिलेगा साथ ही प्रदेशमेअधोसर्चनाके विकास गाव तक होगा, हर वर्ष केन्द्र की योजनाओ का अरबो रुपये लैप्स करने से यह प्रतीत होता है यहाँ की सरकार को विकास से कोई लेना देना नही है बल्कि मात्र अपने राजनीतिक हितों के लिए जनता को लाभो से वंचित रखेगे ।
चाहे कोई भी सरकार रहे किंतु जनता के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए किंतु यहाँ की सरकार सिर्फ़ अपने राजनीतिक हितों को देख रही है ,आदिवासी योजनाओ के लिए प्रदेश को आबंटित पैसो का क्या उपयोग होता है वह तो पता ही नही चलता है, यह की सरकार सिर्फ़ केन्द्र द्वारा दी गई सहायता से निर्मित भवनों इमारतों पुलों सडको के आगे अपना नाम पट्टिका लगाकर उदघाटन करना जानती है ताकि जनता को भ्रमित किया जा सके , रोजगार गारंटी योजना के संचालन मे कोताही करने से भी यह प्रतीत होता है कि यह सरकार कल्याणकारी योजनाओ के संचालन मे कोई दिलचस्पी नही रखती ।
राज्यों मे चल रही अधिकांश योजनाये केन्द्र सरकार की योजना है,चाहे महिला एवम बाल विकास विभाग हो या आदिवासी कल्याण की । नाबार्ड के माध्यम से भी सहकारी ऋण अनुदान आदि दिए जा रहे है ,प्रदेश की सड़के सिर्फ़ केन्द्र के दिए पैसो से ही चमचमा रही है ,११वे वित्त आयोग के पैसो से प्रदेश की पंचायते काम कर रही ,सम विकास योजना की जगह वर्तमान मे एक नवीन योजना लागु की गई है , कृषि के विकास के लिए विभाग को प्रदत्त अधिकांश वित्तीय मदद केन्द्र के ही है, फिर सवाल पैदा होता है कि यहाँ की सरकार क्या कर रही ? यदि कुछ नही कर रही उसका क्या कारण है ? क्यो नही करना चाहती ?

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